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Monday 31 July 2017

नौकरी छोड़कर AMAZON.COM कंपनी बनाने वाले JEFF BEZOS की प्रेरणादायक कहानी

अमेज़न के 'जेफ्फ बेजोस की कहानी'...

नमस्ते Friends,
आज आपको Amazon.com की कहानी बताने जा रहा हूँ...
Jeff Bezos ये उस व्यक्ति का नाम है जिसने अपनी हदों को तोड़कर इतिहास रच दिया। इन्होंने ही Amazon.com की Starting की थी। अपनी मेहनत से ही इन्होंने Amazon को इतना बड़ा बनाया कि, Amazon की कीमत आज $107 Billion है।


Early Life: 

Jeff Bezos का जन्म 12 January 1964 में New Mexico, US में हुआ। जिस समय इनका जन्म हुआ उस समय इनकी माता Jacklyn नाबालिग थीं। इनके पिता Ted Jorgensen इन्हें बचपन में ही छोड़कर चले गए। इनके दादा जी ने इनका पालन-पोषण किया। Jeff Bezos का Interest Electronics में था। जब भी कोई उनके Room में बिना जानकारी के घुस जाता तो इससे बचने के लिए उन्होंने एक Electronic Alarm बनाया। जब Bezos 4th Class में थे तब उनके School में Computer आया। उनके स्कूल में किसी भी Teacher को Computer चलाना नहीं आता था इसलिए Bezos और उनके साथियों ने Books पढ़कर ही Computer चलाना सीखा और कोई भी नहीं जानता था कि, वे आगे चल कर Computer Field में Retail क्रांति लाएँगे।

Amazon.com Start कैसे हुई?

Amazon.com की शुरुआत July 1994 में हुई, 1995 में सबसे पहले Amazon को Online Books और Magazines खरीदने के लिए Design किया गया था फिर धीरे-धीरे Profit होने पर अन्य वस्तुएँ भी बिकने लगीं। Amazon.com का नाम पहले Cadabra रखा गया बाद में फिर लगभग 3 महीने बाद इसका नाम बदलकर Amazon.com रख दिया। Amazon नाम को रखने का कारण था कि वह इसे सबसे बड़ी Book Sales Business Website बनाना चाहते थे क्योंकि Amazon दुनिया की सबसे बड़ी नदी है।

Jeff Bezos का प्रभाव:

उन हस्तियों में से एक हैं जिनके काम से दुनिया के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने लोगों का खरीददारी करने का तरीका बदल दिया है। Amazon की Starting सिर्फ एक छोटे से Garage और 3 Computers से हुई और आज Amazon Company में 2,30,800 से अधिक Workers हैं। Amazon का Revenue आज 107 Billion Us Dollar है। ये Website English, German, Spanish, Italian, Japanese, Brazilian, Dutch और Chinese भाषाओँ में Available है. इसका Business आज United States, United Kingdom, Japan, China, India France देशो में है।

Jeff Bezos द्वारा कहे गए Quotes:

1. A brand for a company is like a reputation for a man. You earn reputation by trying as many as hard things well.
किसी भी company का ब्रांड इंसान की प्रतिष्ठा की तरह होता है और आप प्रतिष्ठा को मुश्किल चीजें अच्छी तरह कर के प्राप्त कर सकते हैं।
2. There are two kinds of companies, those that work to try to charge more and those that work to charge less. We will be the second.
कम्पनियों के दो प्रकार होते हैं, एक जो कि, किसी वस्तु की कीमत अधिक लगाते हैं और दुसरे वो जो उसी वस्तु की कीमत कम लगाते हैं और हम दुसरे वालों में से हैं।
3. If you do build a great experience and team work, customers tell each other about that. Word of mouth is very powerful.
यदि आप अच्छा अनुभव और team बनाने में सफल हो जाते हो तो, ग्राहक एक-दुसरे से बात करते हैं और उनके शब्द बहुत शक्तिशाली सिद्ध होते हैं।
4. We expect all our businesses to have a positive impact on our ups and downs. Profitability is very important to every business or we wouldn't be in this market.
हम आशा करते है कि, हमारे व्यवसायों का सब पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लाभ हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसके बिना हम बाज़ार में नहीं रह सकते।

Amazon.com के Logo की Story:

आप सबसे Amazon का Smiley Logo तो जरूर देखा होगा। Amazon के नीचे एक Smile जैसा Arrow है जो A से Start होकर Z तक जाता है जिसका मतलब है कि, Website पैर A to Z सभी सामान मिलता है और Smile करता हुआ भी लगता है जिससे इसे एक Attractive Look मिलता है।

दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जिन्होंने लीक से हटकर काम किया और दुनिया में अपना अलग नाम कर के दिखाया। Start-up का सिर्फ एक ही फंडा है कि, सबसे पहले कुछ नया सोचो और सबसे पहले उस Idea को Implement करो, क्योंकि सोच पर किसी का Control नहीं है। याद रखिए, आपकी Problem आपकी असली समस्या नहीं है, आपका उस समस्या के प्रति नजरिया ही आपकी सबसे बड़ी समस्या है। अगर आप समझते हैं कि, ये समस्या छोटी है तो वो समस्या आपके जीवन में कोई प्रभाव नहीं डाल पाएगी और अगर आप सोचते हैं कि, ये समस्या तो बहुत बड़ी है तो वो आपके जीवन को जरूर बर्बाद कर सकती है। याद रखिए...

Thursday 27 July 2017

कैसे बना McDonald’s दुनिया की टॉप फ़ूड चैन , पढ़िए McDonald’s की जबरदस्त कामयाबी की कहानी

मैकडोनल्ड के नाम को आज किसी परिचय की जरुरत नहीं , McDonald’s का बर्गर दुनिया भर में सबसे ज़्यादा consume होने वाली एक डिश है।  दुनिया में 65 million लोग एक दिन में 100 million से भी अधिक इसे खाते हैं ,  आज हम आपको इस restaurant की success story बता  रहे हैं।

कैसे हुई मैकडोनल्ड  की शुरुआत :
McDonald’s इस की शुरूआत एक छोटे से family business की तरह हुई था।  Richard McDonald और Maurice McDonald ने  1940 में इसकी स्थापना एक छोटे से स्टाल के रूप में की थी , पर शुरू के आठ वर्षो तक इन्हे कोई खास कामयाबी नहीं मिली ,तब ये केवल एक छोटा सा restaurant था। पर बाद में जब इन्होने बर्गर बनाने की पूरी प्रक्रिया को मशीनीकृत कर दिया , मशीनी करण के बाद इनकी काम करने की प्रक्रिया में जबरदस्त सुधार हुआ जिसकी वजह से इनके ग्राहक को इंतज़ार नहीं करना पड़ता था । जब तक लोग दूसरे restaurant में order देते थे McDonald’s order serve भी कर देते थे। अपनी fast service वजह से McDonald’s बहुत जल्दी famous हो गया। इन्होंने 1961 इसकी स्थापना के बहुत समय बाद अपने tread mark के लिए apply किया जिसे आप आज Ronald McDonald के नाम से जानते हैं |
कैसे हुई जबरदस्त कामयाबी की शुरुआत
इसी दौरान Ray Kroc नाम के एक व्यापारी जो मिल्क शेक बनाने की मशीन बेचता था , McDonald आया और वो वहां पर ग्राहकों की लम्बी लाइन देखकर हैरान था , उसने व्यापारिक दौरों में बहुत से सारे रेस्टोरेंट्स घूमे थे पर उसने ऐसा नज़ारा शायद कही नहीं देखा था  , उसने देखा ग्राहकों की लम्बी कतार  और  लोग मुस्कुराते हुए अपनी खाने की वस्तुए लेकर आ रहे थे , रे क्रॉक ने उनमे से कुछ को रोक कर पूछा यहाँ क्या खास है तो उन लोगो का जवाब था
“आपको सबसे अच्छा हमबर्गर सिर्फ 15 सेंट में मिलेगा और आपको आर्डर की  डिलीवरी के लिए वेटर्स को बार बार बोलना भी नहीं पड़ेगा  “
रे क्रॉक के लिए बर्गर बनाने की प्रक्रिया का मशीनी  स्वरुप  हैरान कर देने वाला था। 1954  तक McDonald की 10 शाखाएं खुल चुकी थी , पर ये सिर्फ नाम    के ही McDonald थे।

रे क्रॉक McDonald की क्वालिटी और स्पीड से प्रभावित थे , अतः उन्होंने McDonald से जुड़ने का फैसला किया और ये उनके ही विज़न का कमाल है जो आज दुनिया भर में McDonald’s के 34000 restaurant हैं जिनमें से कुछ तो ऐसी जगहों पर हैं जहाँ कोई सोच भी नहीं सकता जैेस Egypt . इसके बाद McDonald’s ने पीछे  मुड़कर नहीं देखा।
क्या है McDonald’s की सफलता का राज : 
McDonald’s की सफलता का राज है उसकी बेहतरीन क्वालिटी , तेज़ डिलीवरी , कम लगत और वाजिब कीमत

McDonald’s ने सभी देशों की संस्कृति के हिसाब से अपनी प्रक्रिया में भी बदलाव किये है और इसी अनुसार अपनी special recipe में भी ज़रूरी परिवर्तन किए ,जैसे भारत में धार्मिक नियमों के चलते beef और poke इस्तेमाल नहीं कर के लोगों के पेट के साथ साथ सबके दिलों में जगह बना ली।

प्रेसिडेन्ट ऑफ इंडिया राम नाथ कोविंद की जीवनी | Ram Nath Kovind Biography

Ram Nath Kovind – राम नाथ कोविंद भारतीय राजनेता और भारत के राष्ट्रपति बनने की होड़ में NDA के उम्मेदवार है। रामनाथ कोविंद एक दलित नेता और साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य भी है। सन 2015 से 2017 तक रामनाथ कोविंद बिहार के गवर्नर भी रहे चुके है।

Ram Nath Kovind Biography – राम नाथ कोविंद की जीवनी

19 जून 2017 को बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कोविंद जी जो राष्ट्रपति पद के लिए NDA का उम्मेदवार घोषित किया।

राम नाथ कोविंद का प्रारंभिक जीवन, निजी जिंदगी और परिवार

रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के कानपूर जिले के डेरापुर के परौन्ख गाँव में हुआ था। उनके पिता मैकूलाल एक किसान थे और माता कलावती गृहणी थी। रामनाथ दलित जाती से संबंध रखते है। 1998 से 2002 के बीच हुए बीजेपी दलित मोर्चा के वे अध्यक्ष थे।
कोविंद जी ने कानपूर यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ़ कॉमर्स और LLB की डिग्री हासिल कर रखी है। राजनीती में आने से पहले कोविंद पेशे से अधिवक्ता थे। 20 मई 1974 को कोविंद ने सविता कोविंद से शादी की थी। उनके एक बेटा, प्रशांत कुमार और एक बेटी स्वाति भी है।

राम नाथ कोविंद राजनीतिक करियर | Ram Nath Kovind political career

कानपूर कॉलेज से लॉ में ग्रेजुएट होने के बाद कोविंद सिविल सर्विस एग्जामिनेशन की तयारी करने के लिए दिल्ली चले गये। तीन बार कोशिश करने बाद आखिर उन्हें परीक्षा में सफलता मिल ही गयी लेकिन वे ड्यूटी में शामिल नही हुए क्योकि उनका चयन आईएस की जगह संबंद्ध सेवा में हुआ था और इसके बाद कोविंद लॉ का अभ्यास करने लगे।
1977 से 1979 तक वे नयी दिल्ली में केंद्र सरकार के अधिवक्ता रह चुके है और 1980 से 1993 तक उन्होंने सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार का स्थायी वकील रहते हुए सेवा भी की।
1978 में वे सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के अधिकारिक वकील बने थे। उन्होंने नयी दिल्ली के हाई कोर्ट में लॉ की ट्रेनिंग ली थी, तक़रीबन 16 साल 1913 तक उन्होंने लॉ का अभ्यास किया। बार कौंसिल ऑफ़ दिल्ली ने 1971 में उनका नाम अधिवक्ता के रूप में दर्ज किया था। अधिवक्ता के रूप में वे समाज के गरीब लोगो को मुफ्त में सलाह देते थे, साथ ही नयी दिल्ली की फ्री लीगल ऐड सोसाइटी में भी कार्यरत थे।
1977 से 1978 तक उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का पर्सनल असिस्टेंस बने रहते हुए भी सेवा की है।
रामनाथ कोविंद बीजेपी सदस्य –
1991 में वे बीजेपी में शामिल हुए। 1998 और 2002 में वे बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष थे और ऑल इंडिया कोली समाज के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने पार्टी का राष्ट्रिय प्रवक्ता बने रहते हुए भी कई बार देश की सेवा की है। उन्होंने डेरापुर के अपने पूर्वजो के घर को आरएसएस को दान में दे दिया था। घाटमपुर और भोगनीपुर (दोनों ही उत्तर प्रदेश राज्य से संबंध रखते है) दोनों निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी की टिकट लेकर वे चुनाव में खड़े हुए थे लेकिन दोनों ही चुनावो में उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा।
रामनाथ कोविंद राज्य सभा –
अप्रैल 1994 को वे नियुक्त हुए और इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य का राज्य सभा एमपी भी बनाया गया। मार्च 2006 तक लगातार दो बार उन्होंने 12 सालो तक इस पद पर रहते हुए सेवा की। संसद के सदस्य के रूप में उन्होंने समाज कल्याण, गृह मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकुतिक गैस, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण, न्याय और कानून इत्यादि संसदिय समिति में रहते हुए उन्होंने सेवा की है।
राज्य सभा की हाउस कमिटी का चेयरमैन रहते हुए भी उन्होंने कई सालो तक काम किया है। अपने संसदीय काल में एम.पी. रहते हुए उन्होंने ग्रामीण भागो की शिक्षा व्यवस्था और उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में स्कूलो के निर्माण पर ज्यादा ध्यान दिया। संसद का सदस्य रहते हुए, उन्होंने नेपाल, थाईलैंड, सिंगापूर, पाकिस्तान, स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी, यूनाइटेड स्टेट, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस की यात्रा भी की है।
रामनाथ कोविंद गवर्नर –
8 अगस्त 2015 को भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें बिहार के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया था। 16 अगस्त 2015 को उन्हें पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस घोषित किया गया था। शपथ लेने के साथ ही कोविंद, बिहार के 36 वे गवर्नर बन चुके थे। शपथ विधि का आयोजन पटना के राज भवन में रखा गया था।
गवर्नर के रूप में उन्होंने कई सराहनीय और प्रभावशाली बदलाव किए। सबसे पहले उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए उसमे कई सुधर किये और यूनिवर्सिटी एवं स्कूलो में नए शिक्षको की भर्तियाँ करवाई। साथ ही सरकार द्वारा शिक्षा के लिए भेजे जा रहे फण्ड का दुरूपयोग ना हो इसकी भी उन्होंने छानबीन की।
इसके बाद भारत के राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी पेश करने के बाद उन्होंने बिहार के गवर्नर के पद से इस्तीफा दे दिया और 20 जून 2017 को भारत के वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके इस्तीफे को मंजूरी दे दी।
रामनाथ कोविंद की अन्य नियुक्तियां –
लखनऊ की डॉ. बी.आर. आंबेडकर यूनिवर्सिटी में बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट में रहते हुए भी उन्होंने काम किया है और साथ ही आईआईएम कोलकाता के वे बोर्ड ऑफ़ गवर्नर में से एक थे। यूनाइटेड नेशन में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है और अक्टूबर 2002 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित भी किया है।
रामनाथ कोविंद का करियर और फैक्ट्स – Ram Nath Kovind facts
किसान के परिवार में पलकर बढे हुए कोविंद ने अपना ग्रेजुएशन लॉ में कानपूर कॉलेज से पूरा किया। डिग्री हासिल करने के बाद रामनाथ दिल्ली गये और वहा उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा की तयारी की। पहले दो प्रयासों में वे परीक्षा में असफल हुए। लेकिन तीसरे प्रयास में वे सफल हुए लेकिन आईएस की जगह उनकी नियुकी अलाइड सर्विसेज में की गयी।
19 जून 2017 को बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भारत के राष्ट्रपति पद के लिए उन्हें NDA का उम्मेदवार घोषित किया है।
1977 से 1979 तक रामनाथ कोविंद नयी दिल्ली में केंद्र सरकार के अधिवक्ता थे।
1980 से 1993 तक नयी दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार का स्थायी वकील रहते हुए भी उन्होंने काम किया है। 1978 में सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने उनकी नियुक्ती अधिवक्ता के रूप में की थी।
1998 से 2002 तक रामनाथ कोविंद बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके है और साथ ही ऑल इंडिया कोली समाज के भी अध्यक्ष रह चुके है।
वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रिय प्रवक्ता के पद पर रहते हुए भी काम कर चुके है। इसके बाद भारत के राष्ट्रपति ने अगस्त 2015 को उन्हें बिहार के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया था।
1994 से 2000 और 2000 से 2006 तक दो बार राज्य सभा में उनकी नियुक्ती की जा चुकी है।
16 सालो तक 1993 तक उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अभ्यास किया। सुप्रीम कोर्ट में उन्हें हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है।

Tuesday 25 July 2017

सबसे मूल्यवान हीरा “कोहिनूर” | Kohinoor Diamond History In Hindi

जब हीरे की बात की जाए तो दुनिया के सबसे प्राचीन और मूल्यवान कोहिनूर हीरे – Kohinoor Diamond को कोई कैसे भूल सकता है। वास्तव में इसे कोह-ए-नूर कहा जाता है, जो एक पर्शियन शब्द है जिसका अर्थ रोशनियों के पहाड़ से है। यदि आप इस हीरे के बारे में और कुछ जानना चाहते है तो हम यहाँ आपको कोहिनूर हीरे – Kohinoor Hira के बारे में बताने जा रहे है –

सबसे मूल्यवान हीरा “कोहिनूर” – Kohinoor Diamond History In Hindi

कोहिनुर एक विशाल, रंगो से भरा हीरा है जो 13 वी शताब्दी में भारत के आंध्र प्रदेश के गुंटूर के पास मिला था। इसका वजन 793 कैरेट (158.6 ग्राम) है और सबसे पहले यह ककटिया साम्राज्य में था। पिछले सौ सालो में यह हीरा कई लोगो के पास गया और अंत में 1849 में ब्रिटिश के पंजाब अधिग्रहण के बाद रानी विक्टोरिया के पास चला गया।
1852 में रानी विक्टोरिया के पति प्रिंस अल्बर्ट ने इसे कटवाकर 186 कैरेट का बनवाया था। आज यह टुकड़ा महारानी विक्टोरिया के ताज में लगा हुआ है, जो उनके ताज की शोभा बढ़ाता है। इस हीरो के पाने के लिए भी इतिहास में कई युद्ध हुए है।
आज यह हीरा महारानी विक्टोरिया के ताज में लगा हुआ है, टॉवर ऑफ़ लंदन में हर साल कई लोग इस हीरे को देखते है। भारत, पकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान सरकार ने कई बार इस हीरे पर अपना अधिकार होने का दावा किया है और उसे वापिस भी माँगा है। लेकिन इस हीरे को लेकर इतिहास में बहोत सी कथाये प्रचलित है लेकिन ब्रिटिश सरकार ने दावा किया है की उन्होंने इस हीरे को लीगली (Legally) हासिल किया है।
कोहिनूर हीरे का इतिहास – Kohinoor Diamond History
निश्चितरूप से कोहिनूर की उत्पत्ति को लेकर कोई इतिहासिक शोधपत्र नही है। कुछ इतिहासिक जानकारों के अनुसार 3000 BC का यह एक शाही खजाना था। कहा जाता है की 13वी शताब्दी में हिन्दू ककटिया साम्राज्य में भारत के आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले की कोल्लूर सुरंग से निकाला गया था। 14 वी शताब्दी के प्रारम्भ में ही दिल्ली सल्तनत के तुर्की ख़िलजी साम्राज्य के दूसरे शासक अलाउद्दीन ख़िलजी और उनकी सेना ने दक्षिण भारत को लूटना शुरू कर दिया। 1310 में ख़िलजी के जनरल मालिक काफूर ने वरंगल पर विजय पाया और तभी सफलतापूर्वक उन्होंने हीरे को हासिल कर लिया।
तब कोहिनूर हीरा ख़िलजी साम्राज्य में गया और बाद में तुर्की मुग़ल शासक बाबर ने इसे हथिया लिया था, जिसने भारत पर 1526 में आक्रमण कर मुग़ल साम्राज्य की स्थापना की थी। उस समय उस हीरे को “बाबर का हीरा” नाम भी दिया गया था, और जैसे-जैसे यह हीरा अलग-अलग शासको के पास जाता रहा वैसे-वैसे इसके नाम भी बदलते गए। इतिहास में बाबर और उनके बेटे और हुमायूँ तीनो ही का अपने शासनकाल में कोहिनूर पर अधिकार था।
पूरी दुनियाँ में कोहिनूर हीरा सबसे कीमती और प्रसिद्ध माना जाता है जिसकी कीमत अभी भी पूरी तरह से नहीं लगायी जा सकी है लेकिन ऐसा माना जाता है की इसके साथ एक ऐसा अभिशाप जुड़ा हुआ है जिससे आजतक कोई नहीं बच पाया। कहा जाता है की यह हीरा अभिशापित है जिस कारण यह जिस किसी के भी पास जाता है उसे यह पूरी तरह से बर्बाद कर देता है, अनेक लोगो ने, शक्तिशाली राजपरिवारो ने इसे पाना चाहा लेकिन यह जिस किसीके भी पास गया उसे बर्बाद कर गया और कई ऐतिहासिक राज परिवारो के पतन के साथ भी इस हीरे का नाम जुड़ा है।
बहुत से लोग इसे सम्यन्तक मणि भी कहते है और इसके बारे में कहाँ जाता है की इसे भगवान् सूर्य ने अपने प्रबल भक्त ‘सत्राजित’ की तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान स्वरुप दिया था और यही इसके उत्पत्ति की कहानी मानी जाती है और यही से इसकी अभिशप्त कहानी शुरू होती है। पुराणों के अनुसार यह हीरा एक दिन सत्राजित से खो गया और इसका झूठा आरोप श्रीकृष्ण पर लगा, परन्तु श्रीकृष्ण ने यह हीरा ढूंढ कर वापस सत्राजित को दे दिया और सत्राजित ने श्रीकृष्ण से प्रभावित हो यह उन्हें ही भेंट कर दिया, इसीलिए कहाँ जाता है की श्री कृष्ण पर झूठे आरोप से इस हीरे की अभिशापित कहानी शुरू हुई और बाद में इसी हीरे के कारण यदुवंश का विनाश भी हुआ। यदुवंश के विनाश के बाद यह हीरा इतिहास में कहीं खो गया और मध्यकाल तक इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता लेकिन सन 1306 में एक लेख लिखा गया जिसमे पहली बार इस हीरे का उल्लेख किया गया, इस लेख में मुताबिक जो भी इस हीरे को अपने पास रखेगा उसे बुरीतबाही का सामना करना पड़ेगा, परन्तु तब के शासको ने बात को हँसी में उड़ा दिया लेकिन कोहिनूर ने अपना असर दिखाना जारी रखा।
कोहिनूर हीरे की कुछ रोचक बाते – Interesting Facts About Kohinoor Diamond
1. कोहिनूर हीरा – Kohinoor Heera फ़िलहाल यूनाइटेड किंगडम के कब्जे में है –
हाँ, यह सच है, और आप इसे वापिस भारत में लाने के लिए कुछ नही कर सकते। आप चाहे इसे मनो या ना मानो, आप इस बात को झुटला नही सकते की फिलहाल कोहिनूर हीरा UK के कब्जे में है।
2. कहा जाता है की इस हीरे पर एक श्राप है-
1306 में लिखित हिन्दू इतिहास के अनुसार उसी समय कोहिनूर इतिहास की खोज की गयी थी। हिन्दू इतिहास में लिखे दस्तावेजो के अनुसार इस हीरे को सिर्फ महिलाये ही धारण कर सकती थी और किसी भी पुरुष को इसे धारण करने की इज़ाज़त नही थी। क्योकि इसपर श्राप था की यदि किसी इंसान ने इसे धारण किया तो उसका और उसके राज्य का पतन हो जायेगा और इतिहास में हमें इसके पुख्ता सबुत भी मिलते है।
3. यूनाइटेड किंगडम में शाही परिवार के लोग इसका उपयोग करते थे –
सबसे पहले रानी विक्टोरिया ने इसका उपयोग किया। बाद में रानी विक्टोरिया की मौत के बाद रानी एलेग्जेंड्रा के ताज में इसे स्थापित किया गया था। रानी एलेग्जेंड्रा महान राजा एडवर्ड VII की पत्नी थी, 1902 में यह हीरा उनके ताज में लगाया गया था। 1911में यह हीरा रानी मैरी के पास गया।
4. वास्तव में कोहिनूर लगबग 800 कैरेट का था –
ये सही है, इसका वजह समय के साथ-साथ कम होता गया। बल्कि इस हीरे के कई टुकड़े भी किये गए थे, राष्ट्रिय खजाने में जाने से पहले इतिहास में इस हीरे को कई बार काटा गया था। प्राचीन समय में इस हीरे को विश्व का सबसे विशाल हीरा कहा जाता था।
5. कुछ समय बाद मुग़लो ने ग्वालियर के राजा बिक्रमजीत से छीन लिया था –
जबतक बाबर ने कोहिनूर हीरे पर अपना अधिकार नही जमा लिया था तबतक भारत में इस हीरे को पाने के लिए कई युद्ध हुए। 1526 में बाबर ने पानीपत का युद्ध जीत लिया था और इसके बाद बाबर ने कोहिनूर को भी हथिया लिया था। 200 वर्षो तक कोहिनूर हीरा बाबर के साम्राज्य में रहा था।
6. कोहिनूर हीरा सर्वप्रथम भारत की सरजमी पर ही पाया गया था –
देश के दक्षिण भाग में कुछ लोगो के समूह ने इसकी खोज की थी। यह क्षेत्र भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के गोलकोंडा भाग में आता है। जहा उस समय ककटिया साम्राज्य का शासककाल था।
7. कोहिनूर को “बाबर का हीरा” कहा जाने लगा –
बाबर के बाद यह हीरा साम्राज्य के उत्तराधिकारियों के पास गया। लेकिन फिर बाद में पर्शियन जनरल नादिर शाह ने औरंगजेब को पराजित कर इसे हासिल कर लिया था। वे कोहिनूर को कोह-ए-नूर कहते थे।
8. 14 वी शताब्दी में इसका मालिकाना हक्क मलिक काफूर ख़िलजी को मिला था
हाँ, ऐसा हुआ था, ख़िलजी साम्राज्य के गवर्नर जनरल ने भारतीय दक्षिण क्षेत्र पर आक्रमण कर दिया था और सफलतापूर्वक काकटिया साम्राज्य से कोहिनूर हीरे को छीन लिया था।
9. दलीप सिंह ने खुद कोहिनूर हीरा ब्रिटिश साम्राज्य की रानी को सौपा था। कहा जाता है की उस समय के भारतीय गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी के प्रार्थना करने पर उन्होंने ऐसा किया था।

बॉलीवुड के बादशाह शाहरूख खान की कहानी | Shahrukh Khan biography in Hindi

Shahrukh Khan – शाह रुख खान जो SRK के नाम से भी जाने जाते है। एक भारतीय फिल्म अभिनेता, निर्देशक और टेलीविज़न कलाकार भी है। जिन्हें मीडिया में “बॉलीवुड का बादशाह”, “किंग ऑफ़ बॉलीवुड” और “किंग खान” भी कहा जाता है।
शाहरुख़ खान अब तक 80 से भी ज्यादा बॉलीवुड फिल्म कर चुके है। लोस एंजेल्स के टाइम्स पत्रिका के अनुसार वे “दुनिया के सबसे बड़े मूवी स्टार” के नाम से भी जाने जाते है। जिनके चाहते भारत के साथ-साथ पुरे एशिया में भी फैले हुए है।
दुनिया में सबसे अमीर कलाकारों में शाहरुख़ खान भी शामिल है। जिनकी संपत्ति तक़रीबन 400-600 US$ बताई जाती है, और उनके बॉलीवुड में इस तरह के महान कार्य के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी दिए गये है, जिनमे 14 फिल्मफेयर अवार्ड भी शामिल है।

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान – Shahrukh Khan biography in Hindi

पूरा नाम  – शाहरुख खान
जन्म       – 2 नवम्बर 1965
जन्मस्थान – न्यू-दिल्ली
पिता       – मीर ताज मोहम्मद खान
माता       – लतीफ़ फातिमा
शाहरुख़ खान का जन्म 2 नवम्बर 1965 को न्यू-दिल्ली में हुआ। उन्होंने अपने जीवन के पहले पाच साल मँगलोर में बिताये। जहा 1960 में उनके नाना इफ्तियार अहमद एक इंजिनियर थे। और उनके दादा जान मुहम्मद अफगानिस्तान के जातीय पठान थे। खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अभी का पकिस्तान) के स्वतंत्रता सेनानी थे।
2010 तक खान का पैतृक परिवार किस्सा खावानी बाज़ार के शाह वाली क़ताल गली, पेशावर में रहते थे। मीर ये खान अब्दुल गफ्फार खान के अनुयायी थे और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस से जुड़े हुए थे। 1947 में भारत विभाजन से पूर्व ही वे नयी दिल्ली आ गये थे। खान की माता लतीफ़ फातिमा, Shahrukh Khan का पालन पोषण राजेन्द्र नगर में ही हुआ, जो दिल्ली के ही आस-पास स्थित है।
वहा उनके पिता कई तरह का व्यापार करते थे जिनमे उनका एक रेस्टोरेंट भी शामिल है, उनका परिवार माध्यम-वर्गीय था जो एक किराये के अपार्टमेंट में रहते थे।
शाहरुख़ खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट कोलंबिया स्कूल (दिल्ली) से पूरी की, जहा वे पढाई के साथ-साथ खेल-कूद में भी अव्वल थे। उन्हें उनके विद्यार्थी जीवन में कई पुरस्कार मिले। उनके युवा दिनों में वे कई नाटको में हिस्सा लेते थे और अलग -अलग भूमिका अदा करते थे।
शाहरुख़ खान के युवा दिनों में बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और मुमताज़ उनके प्रिय कलाकार थे। उनके बचपन की उनकी सहेली और सह-कलाकार अमृता सिंह थी, जो बाद में बॉलीवुड अभिनेत्री बनी। बाद में खान को हंसराज महाविद्यालय (1985-88) में डाला गया जहा उन्होंने इकनोमिक की डिग्री प्राप्त की, लेकिन वे महाविद्यालय में जाने की बजाये अपना ज्यादातर समय दिल्ली थिएटर एक्शन ग्रुप में व्यतीत करते थे।
जहा बैरी जॉन के प्रशिक्षण में वे एक्टिंग सीखते थे। हंसराज के बाद भी मास्टर डिग्री प्राप्त करने जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी गये लेकिन एक्टिंग में अपना करियर बनाने की वजह से उन्हें वो बिच में ही छोड़ना पड़ा। बाद में बॉलीवुड के उनके प्रारंभिक काल में वे दिल्ली के ड्रामा स्कूल में जाते थे।

शाहरुख़ खान करियर – Shahrukh Khan career

Shahrukh Khan ने अपना करियर 1980 के अंत में टेलीविज़न से ही शुरू किया था। और बॉलीवुड में उन्होंने अपना शुभारम्भ 1992 में दीवाना फिल्म से किया था।
अपने प्रारंभिक फिल्मो में वे खलनायक की भूमिका में ज्यादा प्रसिद्द हुए, उन्होंने डर (1993), बाज़ीगर (1993) और अंजाम (1994) में खलनायक की भूमिका निभाई। और बाद में उन्होंने रोमांटिक फिल्मो को करना भी शुरू किया जिनमे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), कुछ-कुछ होता है (1998) और कभी ख़ुशी कभी गम (2001) भी शामिल है।
बाद में उन्होंने देवदास (2002) में एक व्यसनी की और स्वदेश (2004) में एक नासा वैज्ञानिक, चक दे इंडिया (2007) में हॉकी प्रशिक्षक और माय नेम इस खान (2007) में एक अस्पेर्गेर सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति की भूमिका अदा की जिसे दर्शको का बहोत प्रतिसाद मिला।
उनकी बहोत सी फिल्मो को भारत की राष्ट्रिय पहचान के रूप में दर्शाया गया और उनकी बहोत सी फिल्मो का प्रवासियों से, विशिष्ट प्रजातियों से, विशिष्ट धर्मो से, विशिष्ट लोगो से संबंध भी है। हिंदी फिल्म जगत में उनके इस महान कार्य के लिए भारत सरकार ने उन्हें पदम् श्री का सम्मान भी दिया।
2015 में खान मोशन फिल्म निर्माता कंपनी रेड चिली एंटरटेनमेंट के सह-अध्यक्ष बने और साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग की क्रिकेट टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालक भी बने। वे एक सफल टेलीविज़न कलाकार (शो प्रेसेंटर) और स्टेज शो प्रदर्शक है। उनके इस काम के लिए मीडिया ने उन्हें “ब्रांड SRK” का उपनाम भी दिया।
शाहरुख़ खान ने अपने जीवन में कई सामाजिक काम भी किये वे कई सामाजिक संस्थाओ से जुड़े हुए है। और कई स्वास्थ संबंधी संस्थाओ से जुड़कर लोगो की सेवा करते रहते है। उन्होंने आपतकालीन परिस्थितियों में कई बार लोगो की मदद भी की है, और गरीब अवन अनाथ बच्चो की पढाई में भी वे मदद करते है। 2008 में Newsweek पत्रिका ने उन्हें विश्व के 50 शक्तिशाली लोगो की सूचि में भी शामिल किया था।
25 अक्टूबर 1991 को एक पंजाबी-हिंदु लड़की गौरी छिब्बर से हिंदु परम्पराओ के अनुसार शादी की। उन्हें एक लड़का आर्यन (जन्म 1997) और एक लड़की सुहाना (जन्म 2000) है। 2013 में, वे तीसरे बच्चे के माता-पिता बने जिसका नाम अब्राम है (Shahrukh Khan Son) खान के अनुसार, उनका इस्लाम पर पूरा भरोसा है लेकिन वे अपनी पत्नी के धर्म को भी उतना ही महत्त्व देते है। उनके बच्चे भी दिल से दोनों धर्मो को मानते है। उनके घर में जहा कुरान रखी है वाही दूसरी और हन्दू देवताओ को भी रखा गया है।
शाहरुख़ खान, जिसे आज भारत ही क्या पुरे विश्व में बच्चा-बच्चा जानता है। उनकी रोमांटिक फिल्मो को देखते हुए हाल ही उन्हें एक नया नाम “किंग ऑफ़ रोमांस” भी दिया गया।
शायद ही आज तक फिल्मो के मामले में शाह रुख खान के रिकॉर्ड को कोई तोड़ पाया होगा। उनकी हर फिल्म का दर्शक बेसब्री से इंतजार करते रहते है। वे बोवूद के बेताज बादशाह है।
लेकिन इस बात का शाहरुख़ खान ने कभी घमंड नही किया, वे सदैव गरीबो, पीडितो की मदत करने के लिए तैयार रहते है। और बच्चो को शिक्षा देने के लिए कई संस्थाए भी चला रहे है। एक कलाकार होने के बावजूद उनमे इतनी खूबिया है। निच्छित ही शाहरुख़ खान भारत का सदैव चमकते रहने वाला “कोहिनूर हीरा” है।

Saturday 22 July 2017

Youtube पर मात्र दो Videos Upload से कैसे कमाता है, ₹3-4 लाख महिने ? Bhuvan Bam की पूरी कहानी

Bhuvan Bam | किसी ने सही कहा, “सफलता और असफलता के बीच Interest होता है।” जी हाँ, यदि किसी Particular Work में आपकी रुचि है, तो उसे आप पूरी मेहनत के साथ पूरा करने की कोशिश करेंगे। मजे की बात आपके लिए यह रहेगी कि इस काम करते हुए आप Enjoy ही करेंगे, क्योंकि आपकी रुचि है ना।



ऐसे में यदि कोई व्यक्ति यंग होने पर भी वही करें, जिसे वो बचपन में भी चाहता था। तो उसका सफल होने का चांस 99% हो जाता है।
कुछ ऐसी ही कहानी BB Ki Vines के Founder Youtube Superstar Bhuvan Bam की है, बचपन में क्लास के Entertainer थे और अब उसी Entertaining Skill को आगे बढाते हुए Success के नए झंडे गाड़ चुके है। आज वे Youtube पर 2 Million Subcribers पाने वाले पहले Indian Individual Youtuber है। इन Subscribers में केवल इंडियन ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी, बंगलादेशी और नेपाली फोलोवर्स भी बड़ी तादाद है।
आपको जानकार हैरानी होंगी, कि Bhuvan Bam ने इतनी बड़ी Success मात्र दो सालों में पाई, जिसे जो भी जानता है, वो दांतों तले उँगलियाँ दबाये बिना नहीं रह पाता है।
आखिर पढ़ाई में फ्लॉप रहे, Bhuvan Bam  ने इतनी बड़ी सफलता इतनी तेजी से कैसे पाई? यहीं सब जानेंगे, इस Hindi Biography से….

Childhood

Bhuvan Bam का जन्म दिल्ली में हुआ था। उन्होंने स्कूली शिक्षा दिल्ली के ग्रीन फील्ड स्कूल से की।

Education

शुरू से ही वे पढ़ाई में बड़े निठल्ले थे, लेकिन क्लास में एंटरटैनिंग के मामले में अव्वल थे। उनका मन किताबों के बजाय बाहर की लुभावनी चीजों जैसे म्यूजिक, जोक्स आदि पर ज्यादा लगता था।
जैसे-तैसे उन्होंने मेट्रिक पास की। पैरेंट्स ने कॉमर्स में अच्छा स्कोप होने को बताकर उन्हें कॉमर्स दिला दिया। लेकिन उनका मन पढ़ाई में बिलकुल भी नहीं लगता था, मसलन वे म्यूजिक instrument सीखने और Singing पर ज्यादा ध्यान देते थे।
इन्हीं कारणों के कारण Intermediate के Exam में काफी कम अंक आए। जिससे उनके पैरेंट्स ने उन्हें Commerce को जारी रखने के लिए फोर्स नहीं किया।
इसलिए उन्होंने डीयू की शहीद भगत सिंह कॉलेज में हिस्ट्री ऑनर्स सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई करने लगे और बाकी समय में अपने पैशन म्यूजिक पर काम करने लगे।

Singing

इन्हीं दिनों उन्होंने पास के रेस्टुरेंट्स में शाम 9-12 बजे तक Singing करने लगे, जहां उन्होंने करीब 2 सालों तक काम किया।
रेस्टुरेंट्स में इतने समय तक काम करने की वजह उनकी सिंगिंग में बहुत निखार आया। इसके बाद उन्होंने खुद एक गाना लिखा, गाया और कम्पोज़ किया। जिसे उन्होंने सोशल साइट्स पर अपलोड कर दिया, जो देखते-देखते कुछ दिनों के अंदर वायरल हो गया।
जिससे इस गाने की बेहतरीन Quality से Foxstar Studio जैसे बड़े Production House बिना मोहित हुए रह नहीं पाया।
Foxstar Studio से उनको कॉल आया। उन्हें विलेज पर बेसड़ फिल्म के लिए गाने चाहिए था। फिर भुवन ने दो गाने बनाए और Foxstar Studio को दिखाये। पर उन्हें गाने पसंद नहीं आए।
तब भुवन ने घर के ऊपरी रूम में बैठकर खाने-पीने की चिंता छोड़कर लगातार दस दिन तक काम किए और सात गाने बना डाले। तब Foxstar Studio को दिखाये। इस बार भी Foxstar Studio वालों ने नापसंद कर दिया।
तब उन्हें अहसास हुआ कि कभी किसी के लिए फ्री में काम नहीं करना चाहिए।

Youtube Star बनने का सफर

उन्हीं दिनों जम्मू-कश्मीर बाढ़ आया हुआ था। जिसमें एक लड़का बह जाता। तब एक रिपोर्टर आता है, और उस लड़के के माँ से कहता है,
आपको कैसा महसूस हो रहा है
यह देखकर भुवन को बड़ा अजीब लगा। उन्होंने कहा, आखिर कैसे एक इंसान इतना असंवेदनशील हो सकता है ?
इसी घटना पर उन्होंने अपनी पहली वीडियो बनाई और Facebook Profile पर अपलोड कर दी। दोस्तों ने देखा और कहा,
भुवन लोग ये सब पसंद नहीं करेंगे। बंद कर दो।
लेकिन भुवन ने वीडियो बनाना जारी रखा। इस तरह चार वीडियो का सेट बना दिया और उन्हें चौथी वीडियो पर 15 likes मिले। जिससे उत्साहित होकर कई वीडियोज़ और बना डाले।
तब किसी दोस्त ने उन्हें बताया कि वीडियोज़ को Facebook पर अपलोड करने के बजाय YouTube पर करें। इससे पर्सनल प्रोफ़ाइल भी इफेक्ट नहीं होंगी और YouTube से Earning भी हो जाएंगी।
फिर भुवन ने अपनी Nexus फोन से पहली वीडियो बनाया और Youtube पर BB Ki Vines चैनल बनाकर अपलोड कर दी।
यह वीडियो कुछ हफ्तों में 50 हजार व्यूज पार कर गई। जब उन्होंने Comment Section चेक किया तो पता, यह वीडियो पाकिस्तान के किसी कॉलेज में Viral हो गई।
उसी दिन Facebook पर उनके 30 हजार फ़ोलोवर्स भी जुड़ गए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर एक मिडल क्लास का छोरा इतनी बड़ी सफलता इतने कम टाईम में कैसे पा सकता है।
खैर, इतनी ज्यादा व्यूज और फैन फोलोविंग ने उन्हें बता दिया कि, जो वो काम रहे है, वो लोगों को बेहद पसंद आ रही है, इसलिए उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
देखते-देखते उनके वीडियोज़ को इतना पसंद किया जाए लगा कि एक दिन में ही 10 लाख व्यूज मिलने लगे और 29 जनवरी 2017 को YouTube पर 2 मिलियन Subscribers पार कर गए, जो ऐसा करने वाले भारत के पहले Individual YouTube बने।

About BB Ki Vines

भुवन बाम की वीडियो मेकिंग स्टाइल भारतीय मूल की International YouTube Superstar कनेडियन नागरिक लिली सिंह से मिलती है।
वैसे भुवन बाम अपने YouTube Videos में 15 Characters खुद Play करते है। जिसमें बंछोर दास, दादा जी, समीर, होला बेहद पोपुलर Character है।
भुवन हमेशा अपने वीडियोज़ के Originality, Quality और Creativity का पूरा ख्याल रखते है। यहीं उनके बुलेट सक्सेस की असली वजह है।
शुरुआत में भुवन वीडियोज़ की Editing Window Movie Maker से करते थे, लेकिन अब Final Cut Pro प्रयोग करते है।
उनकी Main Earning शादी, Parties, Festivals और Events में Singing करने से होती है। लेकिन भुवन की YouTube इतनी पोपुलरिटी है, कि महीने में मात्र दो वीडियोज़ अपलोड करने से 3-4 लाख रुपये कमा लेते है।
पर भुवन अभी तक एक बार भी अपनी YouTube Earning को बैंक में ट्रान्सफर नहीं किया।
वे कहते है,
माँ कहती है, खर्च कर देगा, इसलिए मैंने अपनी YouTube Earning कभी ट्रान्सफर नहीं किया। वह Dollars में जमा हो रहे है।

Bio Data

  • Name – Bhuvan Bam
  • Nick Name – Bam, BB
  • Date of birth – 21 January 1994
  • Place of birth – Delhi
  • Age – 22 Years (2017)
  • Height – 5’7”
  • Weight – 55 Kg

Friday 21 July 2017

DHINCHAK POOJA BIOGRAPHY | Who Is Dhinchak Pooja ?

Dhinchak Pooja Wiki and Biography



Dhinchak Pooja was born on 16 December 1992 in Delhi. She is 24 years old. She is a huge fan of Jennifer Lopez and Rihanna. She often calls herself hashtag super-girl. She likes to wear T-shirt with quotes which say “Females are the future” in topsy turvy. Her songs are shot in famous shots in Delhi-NCR, like Lotus temple and India Gate. She does not have a gifted voice but she does not really care. She has achieved so much in a very short time. She truly amazed the viewers with her singing skills and dedication towards her work.


Boyfriend– This gorgeous singer is not dating anyone. She is very much single. She is currently focusing on her career building in music industry.
Bio Details-
  • Name: Dhinchak Pooja
  • Birth Place: Delhi, India
  • Date of Birth: 16 December, 1992
  • Age: 24 years
  • Education: MA Arts in English
  • Height: 5’5″ (approx.)
  • Hobbies: Singing and Travelling
  • Father: Updated Soon
  • Profession: Singer, Rapper
  • Nationality: Indian
  • Hometown: New Delhi
  • Favorite Food: Fast Food 
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