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Tuesday 31 October 2017

राहुल द्रविड़ का जीवन परिचय Rahul Dravid Biography In Hindi

राहुल द्रविड़ का जीवन परिचय (Rahul Dravid Biography In Hindi Language)

नाम : राहुल द्रविड़
पिता का नाम : शरद द्रविड़
मां का नाम : पुष्पा
जन्म : 11 जनवरी, 1973
जन्मस्थान : इन्दौर (मध्य प्रदेश)
राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम का अति महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं | उनकी तकनीकी दक्षता फील्ड पर देर तक जमे रहने की कुशलता, रन बनाने की योग्यता काबिले तारीफ है | वह अनेक बार भारतीय टीम को मुश्किल की स्थिति में बचा लेते हैं | उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है । वह भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे हैं । उनका पूरा नाम राहुल शरद द्रविड़ है |
राहुल द्रविड़ के पिता का नाम शरद द्रविड़ तथा मां का नाम पुष्पा है । उन्होंने 12 वर्ष की आयु में क्रिकेट खेलना आरम्भ कर दिया था । जूनियर टूर्नामेंटों में अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें अंडर 15, अंडर 17 तथा अंडर 19 में आसानी से जगह मिल गई । राहुल द्रविड़ ने अपना ग्रेजुएशन सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ कामर्स से पूरा किया ।
राहुल ने रणजी ट्राफी मैच में क्रिकेट की शुरुआत 1990-91 में पुणे में महाराष्ट्र के विरुद्ध की । वह रणजी मैच में प्रथम शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के कर्नाटक के खिलाड़ी थे । 1995-1996 में राहुल द्रविड़ को अन्तरराष्ट्रीय टीम में स्थान मिला ।
अन्तरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों में राहुल ने सर्वप्रथम 1996 में सिंगापुर में श्रीलंका के विरुद्ध मैच खेला । 1999 के ‘विश्व कप’ में इंग्लैंड में द्रविड़ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे । 1999 के विश्व कप में द्रविड़ ने सौरव गांगुली के साथ किसी भी विकेट के लिए सर्वाधिक रनों की पार्टनरशिप पारी खेली । उन्होंने 318 रनों की पार्टनरशिप खेल कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया ।
राहुल द्रविड़ ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके खेल में स्थिरता है, एकाग्रता है और कुशलता है । जब टीम को खिलाड़ी के क्रीज पर टिकने की आवश्यकता हो तो द्रविड़ जम जाते हैं । उन्होंने टीम को बहुत बार कठिन परिस्थितियों से उबारा है ।
राहुल की योग्यता केवल बल्लेबाजी तक सीमित नहीं है । वह दाहिने हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज भी हैं । वह बहुत अच्छे विकेट-कीपर भी रहे हैं । वह विपरीत परिस्थितियों में भी शान्त आचरण रखते हैं । इसी कारण उन्हें ‘मिस्टर रिलायबल’ भी कहा जाता है । उनका टैस्ट मैच औसत 50 का है । तकनीकी तौर पर राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी अत्यन्त शानदार होती है, जो समय के साथ-साथ बेहतर होती रही है ।
राहुल द्रविड़ को भारत सरकार द्वारा ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है । 2000 में उन्हें विज्‌डन द्वारा ‘क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना गया । वह यह सम्मान पाने वाले 12वें भारतीय हैं । यह सम्मान उन्हें 1999 में इंग्लैंड में विश्व कप में किए श्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण दिया गया ।
राहुल भारतीय टीम के लिए अति विशिष्ट खिलाड़ी हैं जिन्हें खेलते देखना दर्शक पसंद करते हैं । उनका विवाह नागपुर की डॉक्टर विजेता पेंढारकर से हुआ है |

उपलब्धियां :

रहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने अनेक बार विजय प्राप्त की है |
रहुल द्रविड़ भारतीय टीम का अति महत्त्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं ।
द्रविड़ ने अपना पहला शतक रणजी मैच में बनाया | यह कारनामा करने वाले वह सबसे कम उम्र के कर्नाटक के खिलाड़ी थे |
1999 के विश्व कप में उन्होने सौरव गांगुली के साथ पार्टनरशिप में 318 रन बनाए जो किसी भी विकेट की साझेदारी के लिए एक रिकॉर्ड है |
वह बहुत अच्छे विकेट कीपर भी रहे हैं ।
उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है ।
2000 में उन्हें विज्‌डन द्वारा ‘क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ चुना गया ।
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Tuesday 10 October 2017

मनमोहन सिंह की जीवनी | Manmohan Singh Biography In Hindi

Manmohan Singh – मनमोहन सिंह भारत के 14वे प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह महान विचारो वाले व्यक्तित्व के धनि थे। अच्छा दृष्टिकोण रखने वाले परिश्रमी व् शैक्षणिक दृष्टिकोण रखने वाले नम्र आचरण वाले व्यक्ति है।
प्रधानमंत्री मनमोहन का जन्म 26 सितम्बर 1932 में पंजाब के एक गाव में हुआ। उनकी शिक्षा 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से हुई। अच्छे नंबरो से पास होने के कारण उन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी UK में प्रवेश मिल गया। जहा उन्होंने अर्थशात्र की डिग्री ली (1957)|

मनमोहन सिंह की जीवनी –  Manmohan Singh Biography in Hindi

मनमोहन जी ने 1962 में न्यूफील्ड कॉलेज,ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से डी.फिल किया। 1964 में उन्होंने “इंडिया एक्सपोर्ट ट्रेंड एंड प्रॉस्पेक्टस फॉर सेल्फ ससटेंड ग्रोथ” नाम से पुस्तक लिखी जिसे क्लेरेंडॉन प्रेस ने प्रकाशित की।
मनमोहनजी पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्षो तक शैक्षणिक प्रत्यायक के रूप में चमकते रहे। एक संक्षिप्त कार्यकाल में UNCTAD सचिवालय के रूप में अच्छी तरह से इन वर्षो में दिल्ही स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रतिष्ठित हुए।
1987 से 1990 के बिच में उन्हें जिनेवा में सेक्रेटरी जेनरल ऑफ़ साउथ कमिशन के पद के लिए नियुक्त किया गया।
1971 में भारत सरकार द्बारा मनमोहन सिंह जी को आर्थिक सलाहकर वाणिज्य मंत्रालय के लिए नियुक्त किये गए। इसको देखते हुए 1972 में उन्हें मुख्य सलाहकार, वित्त मंत्रालय में नियुक्त किया। इनकी नियुक्ति बहुत से पदों के लिए हुई जैसे की वित्तमंत्री, उपसभापति, योजन मंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में, प्रधानमंत्री के सलहाकार के रूप में।
1991 से 1996 के बिच पाच वित्त मंत्रीयो ने मिलकर आर्थिक मंदी हटाकर भारत को पुन्ह स्थापीत किया। इन्होने भारत के लिये आर्थिक योजना बनाई जो पुरे विश्व में मान्य है। उन्होंने अपने कार्यालय के दौरान अपने सहयोग से विकट परिस्थितियों से भारत को निकला था।
मनमोहनजी को पब्लिक करिअर में कई अवार्ड मिले जिसमे 1981 में पद्म विभूषण, 1985 में जवाहरलाल नेहरु शताब्दी अवार्ड शामिल है। वित्त मंत्री के पद में 3 साल रहने के कारण उन्हें एशिया मनी अवार्ड भी मिला।
वर्ष के बेस्ट वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड भी मिला। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में आदम स्मिथ पुरस्कार से सम्मानित हुए, जॉन कॉलेज कैंब्रिज में राइट पुरस्कार मिला। अपने अतुल्य प्रदर्शन के लिए मनमोहनजी को कई संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया जिसमे से जापान के निहोन कीजै शिम्बुन भी शामिल है। मनमोहनजी ने कई डिग्री हासिल की है जिसमे से ऑक्सफ़ोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मिली डिग्रीया शामिल है।
मनमोहनजी ने कई अन्तराष्ट्रीय कांफ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1993 में उन्होंने मानव अधिकार के लिए विएना में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
मनमोहनजी अपने राजनितिक करिअर में 1991 में राज्यसभा के सदस्य बने। 1998 से 2004 तक वे विपक्ष नेता रहे। 22 मई 2004 में मनमोहनजी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण किया।