पूरा नाम – मुहम्मद आमिर हुसैन खान
जन्म – 14 मार्च 1965
जन्मस्थान – मुंबई. महाराष्ट्र
पिता – ताहिर हुसैन
माता – जीनत हुसैन
आमिर खान खान की जीवनी / Aamir Khan Biography In Hindi
आमिर खान / Aamir Khan एक भारतीय फिल्म अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, टेलीविज़न हस्ती, सामाजिक कार्यकर्त्ता, चलचित्र लेखक और मानव प्रेमी है. फिल्म जगत में अपने सफल करियर के बल पर उन्होंने खुद को हिंदी फिल्म जगत का सबसे मशहूर कलाकार बनाया. उनके करियर में उन्हें कई सारे पुरस्कारों से नवाज़ा गया है, जिसमे चार राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार और सात फिल्मफेयर अवार्ड भी शामिल है. भारत सरकार की तरफ से उन्हें 2003 में पद्मश्री और 2010 में उन्हें पद्म भूषण से भी नवाज़ा गया था.
खान का जन्म ताहिर हुसैन (फिल्म निर्माता) और जीनत हुसैन के बड़े बेटे के रूप में मुंबई में 14 मार्च 1965 को हुआ था. खान के बहोत से रिश्तेदार फिल्म जगत के सदस्य थे. जिनमे उनके अंकल नासिर हुसैन का भी समावेश था. कहा जाता है की अपनी दादी की वजह से वे दर्शनशास्त्री अबुल कलाम आजाद के भी रिश्ते में आते थे. खान अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़े है, उनके एक भाई है, फैसल खान और दो बहने, फरहत और निखत खान. उनका भतीजा, इमरान खान एक आधुनिक हिंदी फिल्म अभिनेता है.
आमिर खान बच्चपन में ही दो भूमिका में परदे पर आये थे. 8 साल की आयु में, नासिर हुसैन के निर्देशन वाली म्यूजिकल फिल्म यादो की बारात (1973) में उन्होंने अभिनय किया था. उसी साल उन्होंने अपने पिता द्वारा निर्मित मदहोश में भुमिका अदा की थी. खान ने बाद में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए जे.बी. पेटिट स्कूल जाना शुरू किया और बाद में 8वी कक्षा तक बांद्रा की सेंट एंस स्कूल से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की. और महिम की बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से 9वी और 10वी की शिक्षा ग्रहण की. खान को बचपन से ही टेनिस में बहोत रूचि थे, उन्हें टेनिस खेलना बहोत पसंद था. उनके शिक्षको का हमेशा से ही यह कहना था की, खान का ध्यान पढाई में कम और खेलने में ज्यादा है. मुंबई के नरसी मोंजी कॉलेज से उनकी 12 वी की शिक्षा प्राप्त की. खान ने अपने बचपन को आर्थिक परेशानिया होने की वजह से बहोत ‘कठिन’ बताया. उस समय उनके पिता को आर्थिक मंदी से होकर गुजरना पड़ रहा था, खान ने बताया की उनके पिता ने जिन-जिन से भी उधार ले रखा था उनके तक़रीबन दिन में 20-30 फ़ोन आते रहते थे. और खान को हमेशा से ही यह डर लगा रहता था की कही फीस ना देने की वजह से स्कूल से निकाला न जाये.
16 साल की आयु में, आमिर खान / Aamir Khan ने एक प्रयोग किया और 40 मिनट की एक साइलेंट फिल्म (मूक फिल्म) बनाई. जिसे परानोईया का नाम दिया गया, यह फिल्म उनके स्कूल के दोस्त आदित्य भट्टाचार्य के निर्देशन में ही बनाई गयी थी. इस फिल्म को बनाने में श्रीराम लागू ने धन देकर उनकी सहायता की. जो भट्टाचार्य को अच्छी तरह से जानते थे लागू ने उन्हें हजारो रुपयों की सहायता की. खान के माता-पिता उस समय अपने अनुभव के आधार पर खान द्वारा लिए गये इस निर्णय के विरोध में थे. वे चाहते थे की फिल्मजगत में आने की बजाये उनका बेटा कोई डॉक्टर या इंजिनियर बने. और अंततः फिल्म की शूटिंग पूरी हो ही गयी. फिल्म में आमिर खान अपने सह-अभिनेता नीना गुप्ता और विक्टर बनर्जी के साथ मुख्य भूमिका में थे. उस समय भट्टाचार्य ने कहा था की उस फिल्म ने उसके करियर को एक नयी दिशा प्रदान की थी, और नया अनुभव उन्हें उस फिल्म से प्राप्त हुआ था.
खान बाद में अवांतर नाम के एक थिएटर समूह में शामिल हो गये थे, जहा एक साल तक वे परदे के पीछे की भुमिका निभाते रहे. उन्होंने अपने अभिनय की शुरुवात कंपनी के ही एक गुजराती नाटक, केसर बिना में छोटी सी भुमिका अदा कर के की. बाद में उन्होंने दो हिंदी नाटक और एक अंग्रेजी नाटक में अभिनय किया. और अपनी हाई-स्कूल की पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने पढाई छोड़ने का निर्णय लिया, और अपने माता-पिता के निर्णय के विरुद्ध जाकर वे निर्देशक नासिर हुसैन के सहायक बने. जिन्होंने उस समय मंजिल-मंजिल (1984) और ज़बरदस्त (1985) का निर्माण किया था.
आमिर खान करियर – Aamir Khan Career
आमिर खान सबसे पहले एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म जगत में आये. और बाद में उनका पहला फिल्म अभिनय 1984 की होली फिल्म शुरू हुआ था. उन्हें अपने भाई मंसूर खान के साथ फिल्म क़यामत से क़यामत तक (1988) के लिए अपनी पहली कमर्शियल सफलता मिली और इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ट मेल नवोदित पुरस्कार भी दिया गया. उस समय उनकी एक और थ्रिलर फिल्म राख (1989) ने कई पुरस्कार अपने नाम किये. 1990 के दौर में एक से बढ़कर एक सफल फिल्मे देकर उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपना नाम स्वर्णक्षरो से लिख दिया था. उस समय उनकी सबसे सफल फिल्मो में रोमांटिक ड्रामा दिल (1990), रोमांटिक राजा हिन्दुस्तानी (1996), इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर की तरफ से बेस्ट एक्टर का पुरस्कार भी मिला, और ड्रामा फिल्म सरफरोश (1999) भी शामिल है. हिंदी फिल्मो के अलावा उन्होंने एक कैनेडियन-भारतीय फिल्म अर्थ (Earth) (1998) में भी अभिनय किया है.
2001 में, आमिर खान / Aamir Khan ने एक प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की. और अपने प्रोडक्शन में पहली फिल्म ‘लगान’ रिलीज़ की. यह फिल्म आलोचकों और कमर्शियल लोगो की नज़र से सफल रही और साथ ही इसे सर्वश्रेष्ट विदेशी भाषा फिल्म (Best Foreign Language Film) के लिए 74 वे अकादमी पुरस्कार में भारत की अधिकारिक सुची में चुन लिया गया. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला और ‘लगान’ को साल की सर्वश्रेष्ट फिल्म का दर्जा दिया गया. इसके बाद फिल्म से 4 सालो तक दूर रहने के बाद खान ने प्रेरणादायक भूमिका अदा करना शुरू की और 2005 में केतन मेहता की मंगल पांडे में वे एक सिपाही के रूप में दिखे. और 4 साल के आराम के बाद 2006 में उन्होंने दो सुपरहिट फिल्म फना और रंग दे बसंती रिलीज़ की. उसी साल उन्होंने अपने करियर की शुरुवात एक निर्माता के रूप में भी की और 2007 में तारे जमीन पर का निर्माण किया. जिसे दर्शको की अच्छी प्रतिक्रिया मिली. और इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ट निर्देशक (Best Director) का भी पुरस्कार मिला. कमर्शियली खान की सबसे सफल फिल्मो में गजनी (2008), 3-इडियट्स (2009), धुम-3 (2013), पीके (2014) शामिल है, जिनके रिलीज़ होते ही बॉलीवुड के कई रिकार्ड्स धराशाही हो गये थे.
आमिर खान व्यक्तिगत जीवन – Aamir Khan Early Life
आमिर खान / Aamir Khan का विवाह रीना दत्ता से हुआ, जिसने क़यामत से क़यामत तक में छोटी सी भुमिका निभाई थी. उनका विवाह 18 अप्रैल 1986 को हुआ था. उन्हें दो बच्चे थे, एक बेटा. जुनैद और एक बेटी इरा. रीना ने आमिर के करियर को सफल बनाने में उनकी बहोत सहायता की थी. लेकिन फिर भी दिसम्बर 2002 में खान ने उन्हें तलाक दे दिया था, और इस तरह 15 साल की शादी में टूट गयी. रीना को ही उनके दोनों बेटे की देखभाल करने के लिए दिया गया था. 28 दिसम्बर 2005 को, खान का दूसरा विवाह किरन राव से हुआ, जो लगान फिल्म बनाते समय आशुतोष गोवारिकर की सह-निर्देशक थी. 5 दिसम्बर 2011 को उन्हें एक बेटा, जिसका नाम हे आजाद राव खान.
आज देश का बच्चा-बच्चा आमिर खान को चाहता है. उनके अनुयायी (Follower) हमें भारत में ही नही बल्कि विदेशो में भी मिलते है. वे हमेशा से ही सामाजिक गतिविधियों में सक्रीय रूप से हिस्सा लेते रहे है. एक सफल कलाकार होने के साथ ही खान एक मानव प्रेमी भी है, बाद में उन्होंने समाज में हो रही गतिविधियों पर बोलना भी शुरू किया. वे कई राजनितिक गतिविधियों में हिस्सा लेने लगे और समाज सेवा करने लगे. समाज में हो रही समस्याओ को जानने के लिए उन्होंने एक टेलीविज़न शो ‘सत्यमेव जयते’ का निर्माण किया, जिसमे उन्होंने भारत में तेज़ी से बढ़ रही समस्याओ को दिखाया और साथ ही उसे रोकने की भी कोशिश की.
आमिर खान / Aamir Khan हमेशा से लोगो को यह सलाह देते आये है की, “आप तब महान नही बनते जब आप बड़ी-बड़ी बाते करने लगते हो, जबकि आप महान तब बनते हो जब आप छोटी-छोटी बातो को समझने लगते हो.”
Aamir Khan Dialogues :-
- जिंदगी जीने के दो ही तरीके होते है…एक जो हो रहा है होने दो, बरदाश्त करते रहो … या फिर जिम्मेदारी उठाओ उसे बदलने की. ( Movies : रंग दे बसंती )
- लाढ़ोंगे तो खून बहेगा… और नहीं लाढ़ोंगे तो ये लोग खून चूस लेगे. ( फिल्म : गुलाम)
- दावा भी काम ना आये, कोई दुआ ना लगे… मेरे खुदा किसी को प्यार की हवा ना लगे. (Film : सरफ़रोश)
- बच्चो काबिल बनो, काबिल… कमियाबी तो साली झक मार के पीछे भागेंगी…. ( Movie : 3 इडियट्स)
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